सेहतनामा – मीनोपॉज क्या है: क्या पीरियड्स रुकने से बीमारियों का खतरा बढ़ता है? डॉक्टर से जानें
आमतौर पर महिलाओं को 45 से 55 साल की उम्र में मीनोपॉज होता है, जो यह संकेत देता है कि उनका मासिक धर्म स्थायी रूप से बंद हो गया है। मीनोपॉज महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण होता है, जिसमें वे प्रजनन क्षमता से बाहर हो जाती हैं।
40 साल की उम्र के आस-पास मीनोपॉज के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ये लक्षण 40 से 50 साल के बीच कभी भी दिखाई दे सकते हैं।
मीनोपॉज के दौरान और उसके बाद रात को पसीना आना, बेचैनी, सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ये सब लक्षण सामान्य माने जाते हैं, लेकिन मीनोपॉज के कारण हार्मोनल बदलावों के कारण दिल की बीमारी, ऑस्टियोपोरोसिस, और यूटीआई जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
इसलिए, आज के ‘सेहतनामा’ में हम मीनोपॉज के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे:
- मीनोपॉज के पहले क्या संकेत मिलते हैं?
- मीनोपॉज से जुड़ी समस्याएं क्या हो सकती हैं?
- मीनोपॉज के दौरान क्या इलाज की आवश्यकता होती है?
- मीनोपॉज क्या होता है?
यदि किसी महिला को लगातार 12 महीने तक मासिक धर्म नहीं आता, तो उसे मीनोपॉज माना जाता है। हालांकि, इसके कारण शारीरिक और मानसिक बदलाव हो सकते हैं। गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. मितुल गुप्ता के अनुसार:
मीनोपॉज के लक्षण:
मीनोपॉज के दौरान हर महिला का अनुभव अलग हो सकता है, और इसके प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकते हैं। आमतौर पर इससे थकान, चिड़चिड़ापन, तनाव, मेमोरी लॉस, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके शारीरिक लक्षण भी होते हैं, जिनका विवरण ग्राफिक में देखा जा सकता है:
मीनोपॉज से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं:
मासिक धर्म चक्र के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन सक्रिय रहते हैं, जो प्रजनन क्षमता के साथ-साथ महिलाओं को कई बीमारियों से बचाते हैं। मीनोपॉज के बाद इन हार्मोन का स्तर घट जाता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
मीनोपॉज से निपटने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल:
इसके लिए सबसे पहले संतुलित और स्वस्थ आहार लें। पर्याप्त नींद लें और तनाव को नियंत्रित करें। इस तरह के जीवनशैली बदलाव मीनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं:
- विभिन्न रंगों की फल और सब्जियां खाएं, ताकि विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट मिल सकें।
- कैल्शियम और विटामिन D के लिए दूध, दही, पनीर और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए फ्लेक्स सीड्स, बादाम और अखरोट खाएं।
- नियमित व्यायाम करें, योग और ध्यान से तनाव कम करें।
- कार्डियो एक्सरसाइज और साइक्लिंग से दिल और हड्डियों को मजबूत रखें।
- स्ट्रेचिंग से शरीर की लचीलापन बढ़ाएं और जोड़ों के दर्द में राहत पाएं।
- गहरी सांस लेकर या पसंदीदा संगीत सुनकर तनाव से बचें।
- रोज आठ घंटे की नींद लें और स्क्रीन टाइम कम करें।
- हाइड्रेशन के लिए पर्याप्त पानी पिएं और स्किन हेल्थ का ध्यान रखें।
- अगर डॉक्टर ने सलाह दी हो तो कैल्शियम, विटामिन D और मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स लें।
क्या न करें:
- कैफीन और मसालेदार भोजन से बचें, क्योंकि ये हॉट फ्लैशेज और पसीने की समस्या बढ़ा सकते हैं।
- धूम्रपान और शराब से बचें।
- स्क्रीन टाइम कम रखें क्योंकि यह तनाव बढ़ाता है और नींद में खलल डालता है।
मीनोपॉज से जुड़े कुछ सामान्य सवाल और उनके जवाब:
सवाल: मीनोपॉज की शुरुआत का पता कैसे चलेगा? जवाब: मीनोपॉज अचानक नहीं होता। इसके पहले पेरीमीनोपॉज का दौर होता है, जो 7-8 साल तक चल सकता है। इसमें पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं, कभी अधिक या कम रक्तस्राव हो सकता है, और दो पीरियड्स के बीच का अंतर बढ़ या घट सकता है।
सवाल: क्या 30 साल की उम्र में भी मीनोपॉज हो सकता है? जवाब: यह बहुत कम होता है, लेकिन कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं या इलाज के कारण ऐसा हो सकता है, जैसे कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी।
सवाल: क्या मीनोपॉज के बाद दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं? जवाब: हां, मीनोपॉज के बाद ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। एस्ट्रोजेन की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
सवाल: क्या मीनोपॉज के बाद सेक्स जीवन में कोई परिवर्तन आता है? जवाब: मीनोपॉज के बाद सेक्स जीवन में बदलाव आ सकता है, जैसे कि सेक्स इच्छा में कमी और योनि सूखापन। इसलिए सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है।
सवाल: मीनोपॉज के लक्षणों को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है? जवाब: हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) और एक स्वस्थ जीवनशैली से मीनोपॉज के लक्षणों में राहत मिल सकती है।
सवाल: हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) क्या है? जवाब: यह एक चिकित्सा उपचार है, जो मीनोपॉज के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए हार्मोन प्रदान करता है।
सवाल: क्या HRT पूरी तरह सुरक्षित है? जवाब: हां, अधिकांश मामलों में HRT सुरक्षित होता है, लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेना चाहिए। बहुत लंबे समय तक इसे लेने से ब्लड क्लॉट्स, गॉलब्लैडर समस्याएं, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है।
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