19 फरवरी से शुरू हो रही चैंपियंस ट्रॉफी में भारत सहित दुनिया की 8 प्रमुख वनडे टीम्स भाग लेंगी। इनमें से सबसे मजबूत टीम कौन सी है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हम छह प्रमुख पैरामीटर्स पर ध्यान देंगे।
1. टाइटल्स: भारत और ऑस्ट्रेलिया के पास 2-2 चैंपियंस ट्रॉफी टाइटल हैं। भारत ने 2013 में इंग्लैंड को हराकर दूसरा खिताब जीता था, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने 2006 और 2009 में लगातार दो बार ट्रॉफी जीती थी। पाकिस्तान, श्रीलंका, वेस्टइंडीज, साउथ अफ्रीका, और न्यूजीलैंड ने एक-एक बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती है।
2. मैच जीतने की दर: भारत चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे अधिक मैच जीतने वाली टीम है। भारत ने 29 मैचों में से 18 में जीत हासिल की, जिसका विनिंग प्रतिशत 62% है। इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और श्रीलंका का भी अच्छा प्रदर्शन रहा है, लेकिन पाकिस्तान और बांग्लादेश का विनिंग प्रतिशत 50% से कम रहा।
3. रन बनाने की क्षमता: भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाए हैं (5815 रन), जिसमें भारतीय बल्लेबाजों ने 10 शतक और 35 अर्धशतक लगाए। इंग्लैंड, श्रीलंका और साउथ अफ्रीका ने भी 5000 से ज्यादा रन बनाए हैं, लेकिन भारत इस मामले में सबसे आगे है।
4. विकेट झटकने की क्षमता: भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट (195) लिए हैं, जबकि श्रीलंका और न्यूजीलैंड ने क्रमशः 175 और 172 विकेट हासिल किए। भारतीय गेंदबाज हर 41वीं बॉल पर विकेट लेते हैं, जो इस पैरामीटर में सबसे बेहतर है।
5. टॉप-5 बल्लेबाजों की संख्या: चैंपियंस ट्रॉफी के टॉप-5 रन बनाने वाले खिलाड़ियों में भारत के दो बल्लेबाज शामिल हैं – शिखर धवन और सौरव गांगुली। इस सूची में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड का कोई बल्लेबाज नहीं है, जिससे भारत का प्रदर्शन और भी खास हो जाता है।
6. टॉप-5 गेंदबाजों की संख्या: चैंपियंस ट्रॉफी के टॉप-5 विकेट टेकरों में भारत का कोई गेंदबाज शामिल नहीं है। श्रीलंका के लसिथ मलिंगा और मुथैया मुरलीधरण इस सूची में सबसे ऊपर हैं, जबकि न्यूजीलैंड के काइल मिल्स ने सबसे ज्यादा 28 विकेट लिए हैं।
निष्कर्ष: भारत चैंपियंस ट्रॉफी की सबसे मजबूत टीम है। उसने ऑस्ट्रेलिया के बराबर 2 टाइटल जीते हैं, लेकिन भारत ने सबसे ज्यादा मैच जीते, रन बनाए और विकेट भी झटके। इन सभी आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए, भारत इस टूर्नामेंट का सबसे मजबूत दावेदार माना जा सकता है।