फ्रोजन फूड: सेहत के लिए कितना सही? न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह और ध्यान देने वाली बातें

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भागती जिंदगी और फ्रोजन फूड: सेहत पर असर और सही इस्तेमाल के टिप्स

आज की व्यस्त जिंदगी में लोगों के पास वक्त की भारी कमी है। तेजी से भागती दुनिया में समय बचाने के लिए खाने की आदतें भी बदल गई हैं। अब फ्रोजन फूड, पैकेज्ड और रेडी-टू-ईट मील्स का चलन बढ़ गया है। यह फूड्स उन लोगों के लिए सुविधाजनक हैं, जो समय की तंगी में जी रहे हैं।

फ्रोजन फूड्स को फ्रीजर से निकालकर डीप फ्राई या एयर फ्रायर में बनाकर तुरंत खाया जा सकता है। हालांकि, यह जानना जरूरी है कि क्या फ्रोजन फूड्स वाकई सेहत के लिए सही हैं।

क्या है फ्रोजन फूड्स?
फ्रोजन फूड्स ऐसी खाने-पीने की चीजें हैं, जिन्हें लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए बेहद ठंडे तापमान में स्टोर किया जाता है। इसका उद्देश्य उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाना और उन्हें लंबे समय तक खाने लायक बनाए रखना है। उदाहरण के तौर पर मटर, गाजर, ब्रोकली, और स्ट्रॉबेरी।

सेहत के लिए कितना सही है फ्रोजन फूड्स?
न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अनु अग्रवाल के अनुसार, फ्रोजन फूड्स सेहत के लिए सही हो सकते हैं, बशर्ते उनमें प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल न हो। लेकिन लंबे समय तक फ्रीज करने से कुछ पोषक तत्वों, जैसे विटामिन C और B में कमी आ सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें कैसे फ्रीज किया गया है।

फ्रोजन फूड्स और स्वास्थ्य समस्याएं
रेडी-टू-ईट फूड्स में हाइड्रोजेनेटेड पाम ऑयल, ज्यादा नमक, चीनी और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

  1. ज्यादा सोडियम: फ्रोजन मील्स में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती है।
  2. अनहेल्दी फैट: स्नैक्स जैसे पिज्जा, समोसा, और स्प्रिंग रोल्स में बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ाने वाले फैट होते हैं, जो मोटापा और डायबिटीज का कारण बन सकते हैं।

फ्रोजन फूड इस्तेमाल के लिए टिप्स

  • फ्रोजन फूड्स खरीदते वक्त लेबल पर न्यूट्रिशन संबंधी जानकारी पढ़ें।
  • प्रोडक्ट में सोडियम, ट्रांस फैट और शुगर की मात्रा का ध्यान रखें।
  • लंबे समय तक फ्रीजर में रखे फूड्स का उपयोग करने से बचें।
  • फ्रीजर का तापमान -18 डिग्री सेल्सियस रखें।
  • बार-बार डीफ्रॉस्ट और रीफ्रॉस्ट करने से बचें।

क्या फ्रोजन फूड्स हमेशा सुरक्षित होते हैं?
अगर फ्रीज में रखे फलों और सब्जियों का रंग बदल जाए, सड़न आ जाए, या गंध आने लगे, तो उन्हें न खाएं। ऐसा भोजन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह
डॉ. अनु अग्रवाल का मानना है कि मौसमी फल-सब्जियां शरीर के लिए सबसे बेहतर हैं। ये न केवल अधिक पौष्टिक होती हैं, बल्कि ताजगी और स्वाद से भरपूर होती हैं।

फ्रोजन फूड्स सुविधाजनक जरूर हैं, लेकिन इनका संतुलित और सावधानीपूर्वक इस्तेमाल ही सेहत के लिए बेहतर है। हमेशा ताजे और मौसमी फलों-सब्जियों को प्राथमिकता दें।


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