PM मोदी ने किया SOUL कॉन्क्लेव का उद्घाटन, विवेकानंद के नेतृत्व मंत्र को बताया प्रेरणास्त्रोत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के भारत मंडपम में स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का शुभारंभ किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति उसके नागरिकों के विकास पर निर्भर करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में कुशल नेतृत्व की आवश्यकता है और इसी दिशा में SOUL की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है।
लीडरशिप और नवाचार पर पीएम मोदी के विचार
✅ राष्ट्र निर्माण में नागरिकों की भूमिका: प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करने के लिए जनभागीदारी आवश्यक है। जब लोग समर्पण और नेतृत्व क्षमता के साथ आगे बढ़ते हैं, तो देश भी प्रगति करता है।
✅ स्वामी विवेकानंद की सोच से प्रेरणा: उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों को दोहराते हुए कहा कि विवेकानंद मानते थे कि यदि उनके पास 100 समर्पित नेता हों, तो वे भारत को न केवल आज़ाद करवा सकते थे, बल्कि इसे विश्व में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचा सकते थे।
✅ भूटान के प्रधानमंत्री की भागीदारी: भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भी इस कॉन्क्लेव में शामिल हुए। पीएम मोदी ने इसे एक शुभ संयोग बताया, क्योंकि इसी दिन भूटान के राजा का जन्मदिन भी था। उन्होंने भूटान सरकार की भागीदारी के लिए आभार प्रकट किया।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की 6 प्रमुख बातें:
1️⃣ हर क्षेत्र में सक्षम नेतृत्व की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को हर क्षेत्र में उत्कृष्ट नेतृत्व की आवश्यकता है। चाहे व्यापार हो, शिक्षा हो, विज्ञान हो या प्रशासन—हर क्षेत्र में बेहतरीन नेताओं की जरूरत है, जो बदलाव ला सकें।
2️⃣ नवाचार को बढ़ावा देने वाले संसाधनों की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि किसी देश की तरक्की केवल प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर नहीं करती, बल्कि मानव संसाधन भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। हमें ऐसे संस्थानों की जरूरत है जो नेतृत्व कौशल को निखारें और नवाचार को बढ़ावा दें।
3️⃣ भारत वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तेजी से वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रहा है और इस गति को बनाए रखने के लिए उच्च स्तर के नेताओं की जरूरत है। उन्होंने SOUL जैसी संस्थाओं को इस बदलाव में “गेम-चेंजर” बताया।
4️⃣ ग्लोबल विज़न, लोकल वैल्यूज़ के साथ आगे बढ़ना होगा
उन्होंने कहा कि भारत को एक वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ाने के लिए ग्लोबल दृष्टिकोण के साथ लोकल संस्कारों को बनाए रखना होगा। जब भारत डिप्लोमेसी से लेकर टेक इनोवेशन तक हर क्षेत्र में लीडरशिप विकसित करेगा, तो विश्व पटल पर उसकी प्रभावशीलता कई गुना बढ़ जाएगी।
5️⃣ वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए स्मार्ट लीडर्स जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें ऐसे नेतृत्वकर्ताओं की आवश्यकता है जो भारतीय सोच के साथ अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य को भी समझें। वैश्विक व्यापार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ प्रतिस्पर्धा के लिए ऐसे नेताओं का विकास जरूरी है जो रणनीतिक निर्णय लेने और संकट प्रबंधन में माहिर हों।
6️⃣ विश्वस्तरीय पॉलिसी मेकिंग को बढ़ावा देना होगा
उन्होंने कहा कि भारत को अपनी नीतियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना होगा। यह तभी संभव है जब हमारे नीति निर्माता, नौकरशाह और उद्यमी वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुसार अपनी नीतियों को विकसित करें।
SOUL: नेतृत्व विकास का नया मंच
स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) गुजरात स्थित एक संस्थान है, जिसका उद्देश्य ऐसे नेताओं को तैयार करना है जो पारंपरिक राजनीतिक पृष्ठभूमि से न आते हुए भी समाज सेवा, नवाचार और नेतृत्व क्षमता के दम पर बदलाव ला सकें।
यह दो दिवसीय कॉन्क्लेव (21-22 फरवरी) पॉलिटिक्स, स्पोर्ट्स, मीडिया, आर्ट, आध्यात्म, बिजनेस और सामाजिक कार्यों से जुड़े विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर नेतृत्व विकास पर चर्चा कर रहा है।