नॉन-स्मोकर्स में बढ़ता लंग कैंसर: कारण, लक्षण, और बचाव के उपाय
लंग कैंसर, जिसे अक्सर धूम्रपान से जोड़ा जाता है, अब उन लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहा है, जिन्होंने कभी सिगरेट को हाथ नहीं लगाया। हाल ही में प्रकाशित लैंसेट की एक स्टडी ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया कि साल 2022 में दुनियाभर में लंग कैंसर के 25 लाख नए मामले सामने आए, जिनमें से लगभग आधे मामले नॉन-स्मोकर्स के थे।
इस बढ़ती समस्या का मुख्य कारण वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय विषाक्तता है। भारत, चीन, और थाईलैंड जैसे देशों में यह खतरा सबसे अधिक दिखाई दे रहा है। इस लेख में हम लंग कैंसर के कारणों, प्रकारों, लक्षणों और बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
लंग कैंसर: क्या है यह बीमारी?
लंग कैंसर तब होता है जब फेफड़ों की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। यह अनियंत्रित वृद्धि ट्यूमर का रूप ले लेती है, जो धीरे-धीरे फेफड़ों के अन्य हिस्सों और शरीर के अन्य अंगों में फैल सकती है।
लंग कैंसर के प्रकार
1. नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC)
- यह सबसे आम प्रकार का लंग कैंसर है, जो लगभग 80% मामलों में देखा जाता है।
- इसके प्रमुख उप-प्रकार हैं:
- एडेनोकार्सिनोमा: यह टिश्यू में होता है जो बलगम या अन्य लिक्विड बनाते हैं।
- स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा: यह वायुमार्ग की परत में पाया जाता है।
2. स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC)
- यह तेजी से फैलने वाला कैंसर है, जो अक्सर वायुमार्ग से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल जाता है।
लंग कैंसर के लक्षण
शुरुआती चरण में लंग कैंसर के लक्षण अक्सर मामूली होते हैं, जिससे इसका निदान देर से होता है। लेकिन निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है:
- लगातार खांसी या खांसते समय खून आना।
- सांस लेने में कठिनाई।
- अचानक वजन कम होना।
- सीने में दर्द और कमजोरी।
- बार-बार फेफड़ों का संक्रमण (जैसे निमोनिया या ब्रोंकाइटिस)।
लंग कैंसर के प्रमुख कारण
1. वायु प्रदूषण
- वायु में मौजूद हानिकारक कण (PM 2.5, PM 10) और जहरीली गैसें फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत जैसे देशों में प्रदूषण लंग कैंसर का प्रमुख कारण है।
2. धूम्रपान और पैसिव स्मोकिंग
- सिगरेट पीने वालों के साथ रहने से भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
3. रेडॉन गैस
- यह एक रेडियोएक्टिव गैस है, जो मिट्टी और चट्टानों से निकलती है और घरों में इकट्ठा हो सकती है।
4. औद्योगिक रसायन और धूल
- निर्माण स्थलों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोग अक्सर हानिकारक रसायनों के संपर्क में आते हैं।
5. आनुवंशिक कारण
- यदि परिवार में किसी को लंग कैंसर रहा हो, तो अगली पीढ़ी में इसका खतरा बढ़ जाता है।
लंग कैंसर की स्टेज
लंग कैंसर की चार स्टेज होती हैं:
- स्टेज 0: कैंसर फेफड़ों की सतह तक सीमित है।
- स्टेज I: कैंसर फेफड़ों तक सीमित है।
- स्टेज II और III: कैंसर लिम्फ नोड्स और फेफड़ों के अन्य हिस्सों में फैलता है।
- स्टेज IV: कैंसर शरीर के अन्य अंगों तक फैल चुका होता है।
लंग कैंसर से बचाव के उपाय
1. धूम्रपान से दूरी बनाएं
- सिगरेट और तंबाकू के सेवन से बचें।
- पैसिव स्मोकिंग वाले वातावरण से भी बचें।
2. वायु प्रदूषण से बचाव करें
- घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं।
- बाहर निकलते समय मास्क पहनें, खासकर प्रदूषित इलाकों में।
3. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
- ताजे फल, सब्जियां और फाइबर से भरपूर डाइट लें।
- नियमित व्यायाम करें और ब्रीदिंग एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
4. नियमित चेकअप कराएं
- अगर आपको लंग कैंसर का पारिवारिक इतिहास है, तो समय-समय पर जांच करवाएं।
5. रेडॉन गैस का परीक्षण करें
- अपने घर में रेडॉन गैस का स्तर जांचें।
निष्कर्ष
लंग कैंसर के बढ़ते मामलों का सबसे बड़ा कारण बदलता पर्यावरण और वायु प्रदूषण है। जागरूकता और सावधानी ही इस समस्या का सबसे बड़ा समाधान है। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और समय-समय पर जांच करवा कर आप लंग कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं। याद रखें, शुरुआती पहचान से इस बीमारी को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
स्वास्थ्य ही धन है, फेफड़ों का ख्याल रखें और स्वस्थ जीवन जिएं।