अमेरिका ने रूसी साइबर हमलों पर रोक लगाई, यूक्रेन संघर्ष में सहयोग बढ़ाने की योजना

ट्रम्प प्रशासन ने रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन रोका, कूटनीतिक समीकरण बदलने के संकेत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने रूस के खिलाफ चल रहे साइबर अभियानों को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है। रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के आदेश पर अमेरिकी साइबर कमांड को इन गतिविधियों पर विराम लगाने को कहा गया है। पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह निर्णय ट्रम्प और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात से पहले ही लिया गया था।

रूस को वार्ता की टेबल पर लाने की कोशिश

इस कदम का उद्देश्य रूस को यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की बातचीत में शामिल करना बताया जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, ट्रम्प प्रशासन रूस के खिलाफ उठाए जाने वाले सभी कदमों की व्यापक समीक्षा कर रहा है। हालांकि, इस संबंध में सार्वजनिक रूप से कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है।

विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यूक्रेन संकट को हल करने के लिए रूस को बातचीत की टेबल पर लाना आवश्यक है। उनका मानना है कि रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाने से वार्ता की संभावनाएं कमजोर हो सकती हैं।

अमेरिकी एजेंसियां सतर्क, पेंटागन ने टिप्पणी से किया इनकार

हेगसेथ के आदेश को लेकर पेंटागन और यूएस साइबर कमांड ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। पूर्व अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, कूटनीतिक और संवेदनशील वार्ताओं से पहले इस तरह के साइबर अभियानों को रोकना आम बात है, लेकिन रूस के खिलाफ इस फैसले से अमेरिका की रणनीति पर असर पड़ सकता है।

रूस की खुफिया एजेंसियों द्वारा अमेरिकी साइबर सुरक्षा में सेंध लगाने के प्रयास लगातार जारी हैं। हाल ही में, रूस ने अमेरिकी खुफिया नेटवर्क को निशाना बनाने की कोशिश की थी, जो उसकी दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा माना जाता है।

अमेरिका में बढ़ रहे रूस समर्थित साइबर हमले

पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के अस्पतालों और बुनियादी ढांचे पर रैनसमवेयर हमलों में वृद्धि हुई है, जिनमें से अधिकांश रूस से जुड़े रहे हैं। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, इन हमलों को रूसी एजेंसियों की सहमति प्राप्त थी।

यूरोप में भी रूसी गतिविधियों के कारण सुरक्षा चिंताएं बढ़ी हैं। इसमें संचार केबल काटने की कोशिश और जर्मनी की एक प्रमुख हथियार निर्माता कंपनी के सीईओ की हत्या की साजिश जैसी घटनाएं शामिल हैं। अमेरिका, अब तक यूरोपीय देशों को ऐसे खतरों से निपटने में सहायता देता रहा है, लेकिन साइबर अभियानों को रोकने के फैसले से यूरोप को सुरक्षा संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

रूस की अमेरिकी चुनावों में दखलंदाजी

बाइडेन प्रशासन के दौरान जारी एक खुफिया रिपोर्ट में बताया गया था कि रूस अमेरिकी चुनावों में प्रभाव डालने के प्रयास कर रहा है। इससे पहले, रूस ने एक संगठित अभियान चलाकर पिछले राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की थी, जिसके जवाब में अमेरिकी साइबर कमांड ने गुप्त मिशन संचालित किए थे।

ट्रम्प प्रशासन के हालिया फैसले से अमेरिकी एजेंसियों की इन कार्रवाइयों को झटका लग सकता है और यह देखने योग्य होगा कि इस बदलाव का रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक कूटनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।


यूरोप का यूक्रेन को समर्थन, रणनीतिक समीकरण बदल रहे

व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच कड़े संवाद के बाद यूरोप यूक्रेन के समर्थन में तेजी से एकजुट हो रहा है। इस मुद्दे पर लंदन में यूरोपीय नेताओं की एक आपात बैठक बुलाई गई है, जिसमें 27 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

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