नई दिल्ली: वक्फ संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद के बीच, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने हाल ही में एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने वक्फ भूमि को अल्लाह की संपत्ति बताया है और सरकार द्वारा इसे अधिग्रहित करने के किसी भी प्रयास का विरोध किया है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए कहा, “वक्फ भूमि अल्लाह की संपत्ति है, इसे कोई सरकार छीन नहीं सकती।”
यह बयान हाल ही में प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के तहत आया है। देशभर में मुस्लिम संगठनों और धर्मगुरुओं ने इस विधेयक को मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने इस मुद्दे पर सरकार से अपील की है कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप ना किया जाए। संगठन ने कहा कि यह न केवल धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि संविधान द्वारा दिए गए अल्पसंख्यक अधिकारों के खिलाफ भी है।
इस मुद्दे पर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और सोशल मीडिया पर # ट्रेंड कर रहा है। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास है, जो कि अस्वीकार्य है।
सरकार की ओर से इस मामले पर अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन मुस्लिम समुदाय ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है।