गुजरात में वृक्ष संरक्षण को लेकर अहम बैठक, सरकार और संस्थाओं के बीच सार्थक संवाद
गांधीनगर: उत्तर गुजरात के कल्पवृक्ष कहे जाने वाले लिंबड़े (नीम) के अंधाधुंध कटाव को रोकने और वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुजरात में वृक्ष संरक्षण को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष श्री शंकरभाई चौधरी, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री मूलुभाई बेरा और श्री मुकेशभाई पटेल की उपस्थिति में पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी संस्थाओं ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
बैठक में चर्चा के दौरान संस्थाओं ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान में वृक्षारोपण की तुलना में पेड़ों की कटाई अधिक हो रही है, जिससे पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंच रही है। किसानों को तार फेंसिंग की आवश्यकता होने के कारण वर्षों पुराने वृक्ष काटे जा रहे हैं। इस समस्या के समाधान हेतु सख्त नियम बनाने की मांग की गई। संस्थाओं ने सुझाव दिया कि वन विभाग के साथ उनकी साझेदारी से वृक्ष संरक्षण और संवर्धन के बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष श्री शंकरभाई चौधरी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों की सराहना की और सरकार की ओर से ‘सुझलाम सुफलाम’ अभियान को जनवरी माह से उत्तर गुजरात में प्रभावी रूप से लागू करने की भावना व्यक्त की। उन्होंने संस्थाओं को आश्वस्त किया कि सरकार उनके प्रयासों में सहयोग करेगी और वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाएगी।
संवाद के माध्यम से सरकार और संस्थाओं के बीच यह समन्वय भविष्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मजबूत आधार बनेगा। सभी को उम्मीद है कि इस सार्थक चर्चा का ठोस परिणाम निकलेगा और वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार के साथ मिलकर अधिक प्रभावी कार्य किया जाएगा।