गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल के नेतृत्व में राज्य की सरकारी स्कूलों ने शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छूना शुरू कर दिया है। नवाचार भरे आइडियाज, डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रभावी उपयोग और शिक्षण के साथ-साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को केंद्र में रखकर आयोजित विविध गतिविधियाँ सरकारी स्कूलों को अब अभिभावकों की पहली पसंद बना रही हैं।
इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला है अहमदाबाद के थलतेज क्षेत्र में स्थित थलतेज अनुपम (स्मार्ट) प्राथमिक शाला-2 में, जहाँ बच्चों के एडमिशन को लेकर इतनी भारी मांग रही कि अभिभावकों की लंबी कतारें देखने को मिलीं। इतना ही नहीं, इस वर्ष स्कूल द्वारा वेटिंग लिस्ट भी जारी करनी पड़ी — जो यह दर्शाता है कि सरकारी स्कूलों की छवि अब पूरी तरह बदल रही है।
राज्य सरकार की शिक्षा केंद्रित योजनाओं और नीतियों ने यह सुनिश्चित किया है कि सरकारी स्कूलों में न सिर्फ आधुनिक सुविधाएँ मिलें, बल्कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और ‘स्मार्ट’ शिक्षा भी प्राप्त हो। अब निजी स्कूलों के विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में सरकारी स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं।
आंकड़ों पर नज़र डालें तो अकेले अहमदाबाद शहर में ही पिछले 11 वर्षों में 60,000 से अधिक विद्यार्थियों ने निजी (सेल्फ फाइनांस) स्कूलें छोड़कर सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश लिया है। यह राज्य सरकार की आधुनिक शिक्षा प्रणाली को समय के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे ले जाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सरकारी स्कूलों की यह नई पहचान एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है — जहाँ शिक्षा अब केवल किताबों तक सीमित न रहकर बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक मजबूत कदम बन चुकी है।