बोडाल गांव में परीख फाउंडेशन के सहयोग से तालाब गहराईकरण का शुभारंभ

अहमदाबाद, 5 अप्रैल – सामाजिक कार्यकर्ता मित्तल पटेल ने ट्वीट के माध्यम से बताया कि उत्तर गुजरात में वर्षा जल संचयन के महत्व को समझते हुए उन्होंने और उनकी टीम ने अब तक कुल 325 तालाबों एवं जलमंदिरों का जीर्णोद्धार किया है। पटेल ने कहा कि तकनीकी प्रगति—बोरवेल जैसी सुविधाओं के कारण—भूजल स्रोतों की अनदेखी हुई और 1974 से हर दशक में भूमिगत जलस्तर औसतन 20 मीटर तक घट चुका है। इस गंभीर स्थिति ने उन्हें और उनके साथियों को “देश के जिम्मेदार नागरिक” होने के नाते ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।

पटेल ने आगे बताया कि बारिश के जलसंग्रह का सबसे बड़ा साधन तालाब ही हैं, इसलिए उन्होंने ग्रामीण स्तर पर तालाब निर्माण और गहराईकरण का कार्य आरंभ किया। उन्होंने कहा,

“हमारे दादाओं-परदादाओं ने यह काम किया, अब हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए भी ऐसा कुछ कर जाएँ।”

इस मुहिम में अनेक स्वजनों ने भागीदारी दी, जिससे 325 से अधिक तालाबों को ठीक-ठाक किया जा सका। अब गर्मियों के आगमन से पहले जलसंचय कार्यों को पुनः तीव्र गति दी गई है।

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इस वर्ष VSSM एवं विमुक्त फाउंडेशन की मदद से और अधिक तालाब खोदने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, मुंबई स्थित परीख फाउंडेशन के सहयोग से बनासकांठा के बोडाल गांव में एक पुराने तालाब का गहराईकरण कार्य भी शुरू हुआ। वहां के उत्साही सरपंच ने घोषणा की कि संभवतः इसे और भी बड़ा बनाया जाएगा, और आवश्यकता पड़ी तो ग्रामवासी स्वयं भागीदारी करेंगे।

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