अहमदाबाद: गुजरात विद्यापीठ में ‘नेशनल कॉन्क्लेव ऑन ट्रांसफॉर्मिंग टीचर एजुकेशन टुवर्ड्स विकसित भारत 2047’ का भव्य शुभारंभ माननीय राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी द्वारा किया गया। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का उद्देश्य शिक्षकों की शिक्षा को सशक्त बनाकर भारत के भविष्य को समृद्ध और विकसित बनाना है।
इस अवसर पर राज्यपाल महोदय ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों का राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा केवल ज्ञान प्रदान करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह सद्भावना, प्रेम और करुणा से भरपूर एक समृद्ध समाज के निर्माण का भी साधन है। उन्होंने आग्रह किया कि शिक्षक बच्चों को तनाव और व्यसनों से दूर रखते हुए उनमें नैतिक मूल्यों और संस्कारों का संचार करें।
इस सम्मेलन में शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया और विकसित भारत 2047 की परिकल्पना को साकार करने के लिए शिक्षा प्रणाली में आवश्यक सुधारों पर विचार-विमर्श किया।
यह कॉन्क्लेव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत भारत में शिक्षकों की भूमिका को पुनः परिभाषित करने और शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।