विक्रमोत्सव विज्ञान और संस्कृति के पुनर्जागरण का प्रतीक – डॉ. मोहन यादव

विक्रम महोत्सव 2025’ के अंतर्गत उज्जैन में राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन

भोपाल/उज्जैन: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज भोपाल निवास स्थित समत्व भवन से वर्चुअली ‘विक्रम महोत्सव 2025’ के अंतर्गत उज्जैन में आयोजित राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन एवं विज्ञान उत्सव में सहभागिता की। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम के भव्य आयोजन के लिए शुभकामनाएँ दीं और इसके महत्व पर प्रकाश डाला।

गौरवशाली संस्कृति एवं विज्ञान का संगम

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ‘विक्रमोत्सव’ हमारी गौरवशाली संस्कृति के पुनर्जागरण के साथ-साथ प्रदेश की विकास यात्रा एवं जनकल्याण के संकल्पों को पूर्ण करने में अभूतपूर्व भूमिका निभा रहा है। यह आयोजन विज्ञान और परंपरा के समन्वय का प्रतीक है, जो आधुनिक भारत की प्रगति और वैज्ञानिक चेतना को भी बल प्रदान करता है।

विज्ञान उत्सव का उद्देश्य

राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन और विज्ञान उत्सव का उद्देश्य वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना, नवाचार को प्रोत्साहित करना और युवाओं में विज्ञान के प्रति रुचि उत्पन्न करना है। इस आयोजन के माध्यम से देशभर के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और विशेषज्ञ अपने विचार साझा कर रहे हैं, जिससे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई संभावनाएँ विकसित हो सकें।

विक्रमोत्सव की ऐतिहासिक और सामाजिक भूमिका

‘विक्रम महोत्सव’ उज्जैन की ऐतिहासिक धरोहर से जुड़ा हुआ है और भारतीय संस्कृति के उत्थान का प्रतीक है। इस उत्सव के माध्यम से न केवल परंपराओं को पुनर्जीवित किया जाता है, बल्कि समाज में नवाचार और विकास की नई राहें भी प्रशस्त की जाती हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दीं और उम्मीद जताई कि यह आयोजन प्रदेश और देश के लिए नई उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त करेगा

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