16 फरवरी को गणेश चतुर्थी और सूर्य पूजा: शुभ योग में करें भगवान गणेश और सूर्य देव की आराधना
रविवार, 16 फरवरी को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन हस्त नक्षत्र और मानस नामक शुभ योग बन रहा है। यह विशेष योग धर्म-कर्म, दान-पुण्य, और पूजा-पाठ के लिए बेहद शुभ माना गया है। इस दिन की शुरुआत उगते सूर्य को जल चढ़ाने से करनी चाहिए।
गणेश और सूर्य पूजा का महत्व
गणेश चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का दिन माना जाता है, क्योंकि इसी तिथि पर गणपति का प्राकट्य हुआ था। इस दिन भक्त गणेश जी की पूजा और व्रत रखते हैं, ताकि जीवन की बाधाएं दूर हों और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिले।
रविवार को सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रह नौ ग्रहों के राजा हैं। सूर्य पूजा से न केवल कुंडली के दोष कम होते हैं, बल्कि यह ऊर्जा, तेज, और सफलता प्रदान करने वाला ग्रह भी माना गया है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उनके लिए यह पूजा अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।
गणेश चतुर्थी पर पूजा विधि
- सुबह स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें और घर के मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
- गणेश जी को जल, दूध, और पंचामृत अर्पित करें।
- हार-फूल और चंदन से गणेश जी का श्रृंगार करें।
- दूर्वा, शमी के पत्ते, चावल, सिंदूर, और फूल अर्पित करें।
- गणेश जी को मोदक और लड्डू का भोग लगाएं।
- पूजा के दौरान “ऊँ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
- आरती के बाद गणपति से सुख, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मांगे।
विशेष उपाय:
- दूर्वा के 11 जोड़े बनाकर भगवान गणेश को चढ़ाएं।
- दिनभर उपवास रखें और शाम को चंद्र दर्शन के बाद पूजा करके भोजन करें।
- गणेश जी के 11 नामों का जाप करें, जैसे:
- ऊँ गं गणपतये नमः
- ऊँ विनायकाय नमः
- ऊँ विघ्ननाशनाय नमः
सूर्य देव की पूजा विधि
- सुबह स्नान करके तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें। इसमें लाल फूल और चावल डालें।
- सूर्य को जल चढ़ाते समय “ऊँ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।
- जल चढ़ाते समय लोटे से गिरती जलधारा में सूर्य देव के दर्शन करें, लेकिन सीधे सूर्य को देखने से बचें।
- जल अर्पित करने के बाद प्रणाम करें और सूर्य देव से स्वास्थ्य और सफलता की प्रार्थना करें।
इन बातों का रखें ध्यान
- दूर्वा किसी साफ जगह से तोड़कर लाएं और धोकर भगवान गणेश को अर्पित करें।
- सूर्य को जल अर्पित करते समय ध्यान रखें कि गिरा हुआ जल पैरों से न छुए।
- पूजा के बाद दान-पुण्य जरूर करें।
शुभ फल प्राप्त करने का अवसर
16 फरवरी का यह विशेष योग भगवान गणेश और सूर्य देव की पूजा के लिए अद्भुत संयोग है। इस दिन की गई पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। गणपति और सूर्य देव की कृपा से सभी कार्य सिद्ध होंगे और जीवन में शांति आएगी।