चतुर लोमड़ी और मूर्ख कौआ

एक दिन, एक भूखी लोमड़ी जंगल में भोजन की तलाश में घूम रही थी। तभी उसने एक पेड़ की डाल पर बैठे हुए एक कौए को देखा। कौए की चोंच में रोटी का एक टुकड़ा था।

लोमड़ी के मुंह में पानी आ गया। उसने सोचा, “मुझे यह रोटी चाहिए!”

उसने चालाकी से कहा, “ओ सुंदर कौए! तुम्हारे पंख सोने की तरह चमकते हैं। निश्चित ही तुम्हारी आवाज भी बहुत मधुर होगी! क्या तुम मेरे लिए एक गीत गाओगे?”

कौआ बहुत खुश हो गया। वह अपनी मीठी आवाज दिखाना चाहता था। जैसे ही उसने गाना गाने के लिए अपनी चोंच खोली, रोटी नीचे गिर गई!

चतुर लोमड़ी ने तुरंत रोटी उठाई और हंसते हुए भाग गई। “धन्यवाद, प्यारे कौए! अगली बार चापलूसी पर इतना जल्दी विश्वास मत करना!”

अब कौए को अपनी गलती का अहसास हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

नीति: चापलूस लोगों से सावधान रहो, सोच-समझकर निर्णय लो।

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