गांधीनगर, 9 मई: भारत और पाकिस्तान के बीच उत्पन्न हुए तंगदिली के माहौल को देखते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल ने आज गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती राज्य के रूप में गुजरात की सतर्कता और आपातकालीन तैयारी की गहन समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कच्छ, बनासकांठा, पाटण और जामनगर जैसे सीमावर्ती जिलों की वर्तमान स्थिति की विस्तारपूर्वक जानकारी ली। उन्होंने सभी जिलों के कंट्रोल रूम और इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स को चौबीसों घंटे सक्रिय रखने के स्पष्ट निर्देश दिए। साथ ही, संचार व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हॉटलाइन, सैटेलाइट फोन जैसे वैकल्पिक संचार माध्यमों की भी जांच करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री पटेल ने आपात स्थिति में सीमावर्ती गांवों के लिए बनाए गए इवैक्यूएशन प्लान को सक्रिय करने, नागरिक सुरक्षा की तैयारी, सुरक्षित स्थानों की पहचान और पीने के पानी, खाद्यान्न और अन्य आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पेट्रोल-डीजल जैसे ईंधनों और आवश्यक वस्तुओं के पर्याप्त भंडारण के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए ताकि आपूर्ति में कोई बाधा न आए।
बैठक में स्वास्थ्य और परिवहन विभागों को भी किसी भी आपात परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी व्यवस्था और जनशक्ति के साथ तैयार रहने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही, संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर चेतावनी और मोबिलाइजेशन की व्यवस्था की समीक्षा के निर्देश भी जिला प्रमुखों को दिए गए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जनता में किसी भी प्रकार का भय या अफवाह न फैले इसके लिए व्यापक जनजागृति अभियान शुरू किया जाए। उन्होंने लोगों से केवल सरकार के अधिकृत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जारी की जा रही आधिकारिक जानकारी और निर्देशों पर ही ध्यान देने की अपील की।
अंत में, मुख्यमंत्री पटेल ने सरहदी क्षेत्रों में किसी भी संदिग्ध गतिविधि, वस्तु या व्यक्ति की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा। उन्होंने सेना, एयरफोर्स, नेवी, कोस्ट गार्ड, बीएसएफ और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की सतर्कता की सराहना की और आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उन्हें हरसंभव सहायता त्वरित रूप से प्रदान करेगी।