महाशिवरात्रि: शिव पूजन का शुभ मुहूर्त और महामृत्युंजय मंत्र का विज्ञान
महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन शिवभक्त व्रत रखते हैं, रात्रि में विशेष पूजा करते हैं और भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। यहां हम आपको महाशिवरात्रि से जुड़ी 5 महत्वपूर्ण बातें बता रहे हैं, जिनमें पूजन के शुभ मुहूर्त, व्रत की विधि, शिवलिंग प्रकट होने की कथा, महामृत्युंजय मंत्र का वैज्ञानिक प्रभाव और शिव विवाह की परंपरा का जिक्र किया गया है।
🔹 महाशिवरात्रि का व्रत और उसकी विधि
महाशिवरात्रि के व्रत में अन्न का सेवन नहीं किया जाता। यह व्रत कठोर नियमों के साथ किया जाता है, लेकिन इसे अपनी क्षमता के अनुसार निभाया जा सकता है।
✔ सूर्योदय से पहले स्नान करें और जल में गंगाजल और काले तिल मिलाएं।
✔ शिवलिंग का जल या दूध से अभिषेक करें और व्रत का संकल्प लें।
✔ उपवास में अन्न का सेवन वर्जित है। यदि कठिन व्रत संभव न हो तो फल, दूध और पानी लिया जा सकता है।
✔ सत्य वचन बोलें, दिन में न सोएं और वाद-विवाद से बचें, इससे व्रत का प्रभाव बढ़ता है।
✔ सुबह-शाम शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, अक्षत और पुष्प चढ़ाएं।
🔹 महाशिवरात्रि: शिव विवाह नहीं, शिवलिंग प्रकट होने का दिन
अक्सर कहा जाता है कि महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का दिन है, लेकिन शिव पुराण में इसका कोई उल्लेख नहीं मिलता।
📜 पुराणों के अनुसार:
🔹 फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पहली बार शिवलिंग प्रकट हुआ था।
🔹 भगवान विष्णु और ब्रह्मा ने इस दिन शिवलिंग की पूजा की, इसलिए इसे महाशिवरात्रि कहा जाता है।
🔹 शिव विवाह वास्तव में अगहन मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को हुआ था (इस वर्ष 7 नवंबर को पड़ेगा)।
🔹 शिवलिंग के निचले हिस्से को माँ पार्वती का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस दिन शिव-शक्ति के मिलन का उत्सव मनाया जाता है।
🔹 महामृत्युंजय मंत्र और उसका वैज्ञानिक प्रभाव
महामृत्युंजय मंत्र न केवल आध्यात्मिक बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी बेहद शक्तिशाली माना जाता है।
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।”
🔬 वैज्ञानिक शोध क्या कहते हैं?
📖 2011 (International Journal of Yoga)
➡ महामृत्युंजय मंत्र के नियमित जाप से मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ती है।
📖 2013 (Electroencephalography Test)
➡ मंत्र के उच्चारण से मस्तिष्क में अल्फा और थीटा तरंगें बढ़ती हैं, जिससे तनाव कम होता है।
📖 2003 (Functional Imaging Test)
➡ यह पाया गया कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (मस्तिष्क का अगला भाग) सक्रिय होता है, जिससे ध्यान और मानसिक शांति मिलती है।
📖 2019 (Ram Manohar Lohia Hospital Study)
➡ इस मंत्र के जाप से तनाव हार्मोन (कॉर्टिसोल) का स्तर कम होता है और हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।
🔹 महाशिवरात्रि पर शिव कृपा पाने के विशेष उपाय
✅ रात्रि के चार प्रहरों में शिवलिंग का अभिषेक करें (जल, दूध, दही, घी और शहद से)।
✅ “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
✅ काले तिल चढ़ाएं, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
✅ शिव मंदिर में दीपदान करें, इससे समृद्धि और सुख-शांति बढ़ती है।
✅ गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करें, इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
🔹 निष्कर्ष
महाशिवरात्रि आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन शिवभक्त व्रत रखते हैं, शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। भगवान शिव की उपासना से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी कष्टों का निवारण होता है।
हर हर महादेव! 🔱