हिमाचल प्रदेश में करीब 4000 पटवारी और कानूनगो अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे राजस्व विभाग का कामकाज पूरी तरह प्रभावित हो गया है। सरकारी दफ्तरों में ताले लटक गए हैं, और आम जनता को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जनता हो रही परेशान
हड़ताल के चलते लोगों को जमीन से जुड़ी कागजी कार्रवाई, दाखिल-खारिज, नक्शा प्रमाणन और अन्य राजस्व सेवाओं के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। विशेष रूप से, छात्रों को जाति, आय और निवास प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे उनके शैक्षणिक और सरकारी योजनाओं से जुड़े कार्य अटक गए हैं।
पटवारियों की क्या मांगें हैं?
हड़ताल कर रहे पटवारी और कानूनगो वेतन वृद्धि, नियमितीकरण और पदोन्नति की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे लंबे समय से अपने हक के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही।
सरकार का क्या कहना है?
राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे का जल्द समाधान निकाला जाएगा। मंत्री ने कहा कि बातचीत के जरिए पटवारियों की समस्याओं का हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है ताकि जनता को ज्यादा परेशानी न हो।
अगले कदम?
यदि सरकार जल्द समाधान नहीं निकालती, तो पटवारी संघ ने आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है। दूसरी ओर, सरकार ने भी सख्त रुख अपनाते हुए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने पर विचार किया है ताकि प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चलते रहें।
निष्कर्ष
पटवारी-कानूनगो हड़ताल से जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब सबकी निगाहें सरकार और हड़ताली कर्मचारियों के बीच होने वाली बातचीत पर टिकी हैं कि कब और कैसे इस गतिरोध का हल निकलेगा।
