डायबिटीज और दिल की सेहत का रिश्ता: क्यों बढ़ जाता है हार्ट डिजीज का खतरा और इसे कैसे मैनेज करें?
डायबिटीज सिर्फ शुगर का स्तर बढ़ने से जुड़ी बीमारी नहीं है; यह दिल की बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा देती है। यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से मौत का खतरा 28% तक ज्यादा होता है।
डायबिटीज का प्रभाव ब्लड शुगर लेवल बढ़ाकर दिल और रक्त वाहिकाओं पर गहरा असर डालता है। जब शुगर लेवल लंबे समय तक हाई रहता है, तो धमनियों में प्लाक जमा होने लगता है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। इसके कारण रक्त प्रवाह बाधित होता है और ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। समय के साथ यह स्थिति दिल को कमजोर कर देती है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक की संभावना बढ़ा देती है।
डायबिटीज और दिल की बीमारियों का कनेक्शन
डायबिटीज के कारण शरीर के लगभग हर अंग पर असर पड़ता है, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान दिल, दिमाग और किडनी को होता है। दिल पर इसका प्रभाव निम्नलिखित कारणों से पड़ता है:
- ब्लड शुगर का बढ़ा स्तर: लंबे समय तक हाई शुगर लेवल रक्त वाहिकाओं को कमजोर करता है।
- प्लाक जमाव: धमनियों में प्लाक जमा होने से रक्त प्रवाह रुकावट का सामना करता है।
- ब्लड प्रेशर में वृद्धि: ब्लड फ्लो बाधित होने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जिससे दिल की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
डायबिटीज से जुड़ी हार्ट डिजीज की समस्याएं
डायबिटीज के कारण कई प्रकार की हार्ट प्रॉब्लम्स हो सकती हैं:
- कोरोनरी आर्टरी डिजीज: इसमें दिल को खून पहुंचाने वाली आर्टरीज संकुचित हो जाती हैं।
- हार्ट फेल्योर: दिल पर्याप्त मात्रा में रक्त पंप नहीं कर पाता।
- कार्डियोमायोपैथी: दिल की मांसपेशियां कमजोर या कठोर हो जाती हैं।
- हार्ट अटैक: धमनियां ब्लॉक होने पर दिल का दौरा पड़ सकता है।
- स्ट्रोक: ब्लड क्लॉटिंग के कारण मस्तिष्क का रक्त प्रवाह रुक जाता है।
भारत में डायबिटीज और दिल की समस्याएं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, पूरी दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। साल 2022 में 83 करोड़ लोग डायबिटीज से ग्रसित थे, जिसमें से 21.1 करोड़ मरीज भारत में थे। यह दिखाता है कि भारत में डायबिटीज और इससे जुड़ी दिल की बीमारियों का खतरा कितना गंभीर है।
डायबिटीज के कारण दिल की बीमारियों का बढ़ता खतरा
डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. समिथ ए. शेट्टी के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर का बढ़ा हुआ स्तर रक्त वाहिकाओं और दिल की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है।
- ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल: हाई शुगर लेवल से धमनियों में प्लाक जमता है, जिससे ब्लड फ्लो बाधित होता है और ब्लड प्रेशर बढ़ता है।
- नर्व्स डैमेज: लंबे समय तक ब्लड शुगर बढ़ा रहने से दिल और रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने वाली नर्व्स डैमेज हो सकती हैं।
डायबिटीज में दिल की बीमारियों का जोखिम कम करने के उपाय
डायबिटीज के मरीज दिल की बीमारियों का खतरा कम कर सकते हैं अगर वे निम्नलिखित उपाय अपनाते हैं:
- ब्लड शुगर कंट्रोल करें:
- हेल्दी डाइट लें और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
- नियमित व्यायाम करें।
- डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं समय पर लें।
- ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का ध्यान रखें:
- नियमित जांच करवाएं।
- संतुलित भोजन और एक्सरसाइज को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।
- पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचें।
- स्मोकिंग और अल्कोहल से बचें:
- स्मोकिंग और अल्कोहल दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं, इन्हें छोड़ना जरूरी है।
- रेगुलर चेकअप करवाएं:
- ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल पर निगरानी रखें।
- डॉक्टर से नियमित परामर्श लें।
- लाइफस्टाइल में बदलाव करें:
- हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।
- तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन और योग करें।
डायबिटीज और दिल की बीमारियों से जुड़ी कुछ सामान्य शंकाएं
सवाल: क्या डायबिटीज के हर मरीज को दिल की बीमारी होती है?
जवाब: नहीं, लेकिन डायबिटीज के मरीजों में दिल की बीमारियों का खतरा सामान्य लोगों से अधिक होता है।
सवाल: क्या बिना लक्षणों के भी डायबिटीज हार्ट डिजीज का कारण बन सकती है?
जवाब: हां, कई बार डायबिटीज के मरीजों को बिना लक्षणों के भी हार्ट डिजीज हो सकती है, इसलिए नियमित चेकअप जरूरी है।
सवाल: क्या एक्सरसाइज से दिल की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है?
जवाब: हां, रोजाना एक्सरसाइज करने से ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है, जिससे हार्ट डिजीज का जोखिम कम होता है।
डायबिटीज के मरीज अगर स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं और समय-समय पर चेकअप करवाते हैं, तो दिल की बीमारियों से बचाव संभव है। आपकी सेहत आपके हाथों में है, इसे बेहतर बनाए रखना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।