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सिंह और चूहा

एक दिन, एक सिंह जंगल में गहरी नींद में सो रहा था। तभी एक छोटा चूहा खेलते-खेलते उसके ऊपर चढ़ गया।

सिंह जाग गया और अपने बड़े पंजे से चूहे को पकड़ लिया। उसने गुस्से से गरजते हुए कहा, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी नींद खराब करने की?”

चूहा डर गया और कांपते हुए बोला, “मुझे माफ कर दो, राजन! कृपया मुझे छोड़ दो, हो सकता है कि किसी दिन मैं आपकी मदद कर सकूं।”

सिंह ज़ोर से हंसा और बोला, “तुम इतने छोटे हो! तुम मेरी क्या मदद कर सकते हो?” लेकिन फिर उसने चूहे को जाने दिया।

कुछ दिनों बाद, सिंह एक शिकारी के जाल में फंस गया। उसने जोर-जोर से गरजना शुरू किया।

चूहे ने उसकी आवाज सुनी और तुरंत दौड़कर आया। उसने अपने तेज़ दांतों से जाल को काट दिया और सिंह को आज़ाद कर दिया।

सिंह हैरान रह गया और बोला, “धन्यवाद, छोटे दोस्त! आज तुमने यह साबित कर दिया कि छोटे जीव भी महान काम कर सकते हैं।”

नीति: कोई भी छोटा या कमज़ोर नहीं होता, हर किसी की अपनी कीमत होती है।

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