शाहिद कपूर @44: ‘कबीर सिंह’ के लिए पी 20 सिगरेट रोज, ‘जर्सी’ की शूटिंग में हुए घायल, लगे 25 टांके; डायरेक्टर से कहा- मुझे ‘विवाह’ जैसी फिल्म नहीं करनी

शाहिद कपूर @44: चॉकलेटी बॉय से लेकर इंटेंस कैरेक्टर्स तक का शानदार सफर बॉलीवुड के टैलेंटेड एक्टर शाहिद कपूर आज 44 साल के हो चुके हैं। करियर की शुरुआत में रोमांटिक हीरो की इमेज के साथ पहचाने जाने वाले शाहिद ने अपने दमदार परफॉर्मेंस और किरदारों के साथ खुद को एक वर्सेटाइल एक्टर साबित किया। ‘इश्क विश्क’ से मासूम दिखने वाले चॉकलेटी हीरो के तौर पर डेब्यू करने वाले शाहिद आज ‘कबीर सिंह’, ‘हैदर’, और ‘उड़ता पंजाब’ जैसी इंटेंस फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, यह सफर आसान नहीं था। शाहिद को अपने रोल्स के लिए कई बार सख्त डाइट फॉलो करनी पड़ी, तो कभी आदत न होने के बावजूद रोजाना 20 सिगरेट तक पीनी पड़ी। उनकी मेहनत, संघर्ष और कुछ खास फिल्मों के लिए किए गए बलिदानों ने उन्हें बॉलीवुड के सबसे प्रतिभाशाली एक्टर्स में शामिल कर दिया। शुरुआती संघर्ष: जब ऋतिक रोशन की वजह से हुआ रिजेक्शन शाहिद ने 2003 में ‘इश्क विश्क’ से डेब्यू किया, जो 4 साल की मेहनत और करीब 200 ऑडिशन में रिजेक्ट होने के बाद उन्हें मिली। फिल्म ने उन्हें एक चॉकलेटी बॉय की इमेज दी, लेकिन इंडस्ट्री में यह चर्चा थी कि ऋतिक रोशन के सफल डेब्यू के बाद बॉलीवुड कुछ समय के लिए किसी और नए हीरो को स्वीकार नहीं करेगा। इस सोच का असर शाहिद के करियर पर पड़ा और उनकी शुरुआती फिल्में ‘फिदा’ और ‘दिल मांगे मोर’ बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गईं। ‘विवाह’ छोड़ना चाहते थे शाहिद, लेकिन सूरज बड़जात्या के भरोसे ने बदली किस्मत लगातार असफलताओं के बाद, 2006 में शाहिद को सूरज बड़जात्या की फिल्म ‘विवाह’ का ऑफर मिला। हालांकि, खुद पर भरोसा न होने के कारण उन्होंने डायरेक्टर से कहा कि अगर वह किसी और को कास्ट करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं। लेकिन सूरज बड़जात्या के भरोसे ने शाहिद को आगे बढ़ने का हौसला दिया। फिल्म सुपरहिट रही और उनके करियर को एक नई दिशा मिली। ‘जब वी मेट’ जोड़ी बनी शाहिद के कहने पर 2007 में आई ‘जब वी मेट’ शाहिद के करियर की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक रही। दिलचस्प बात यह है कि करीना कपूर शुरू में इस फिल्म के लिए तैयार नहीं थीं, लेकिन शाहिद के कहने पर उन्होंने इसे साइन किया। चोट, संघर्ष और शाहिद की कभी न हार मानने वाली जिद शाहिद ने हमेशा अपने किरदारों में जान डालने के लिए खुद को पुश किया। ‘आर राजकुमार’ की शूटिंग के दौरान उनका लिगामेंट फट गया, लेकिन उन्होंने दर्द सहते हुए 8 दिनों तक शूटिंग जारी रखी। ‘हैदर’ के लिए उन्होंने न केवल अपना सिर मुंडवाया, बल्कि बिना फीस लिए फिल्म में काम किया, क्योंकि डायरेक्टर विशाल भारद्वाज के पास सीमित बजट था। ‘कबीर सिंह’ के लिए 20 सिगरेट रोज पीना पड़ा 2019 की सुपरहिट फिल्म ‘कबीर सिंह’ शाहिद के करियर का टर्निंग पॉइंट बनी। इस रोल के लिए उन्होंने अपनी बॉडी ट्रांसफॉर्म की, 8 किलो वजन बढ़ाया और फिर 12 किलो घटाया। इसके अलावा, वह रोजाना 20 सिगरेट पीते थे, जबकि असल जिंदगी में वह सिगरेट नहीं पीते। शूटिंग के बाद घर लौटने से पहले वह दो घंटे तक नहाते थे, ताकि बच्चों और परिवार पर इस किरदार की नेगेटिव एनर्जी न पड़े। ‘जर्सी’ के सेट पर लगे 25 टांके 2022 में आई ‘जर्सी’ के दौरान शाहिद ने क्रिकेट ट्रेनिंग ली। एक सीन की शूटिंग के दौरान बिना हेलमेट के बैटिंग करते समय उन्हें गंभीर चोट लगी, जिससे उनके होठों पर 25 टांके आए और शूटिंग दो महीने के लिए टालनी पड़ी। आगे क्या? शाहिद के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स शाहिद ने हमेशा अपने किरदारों के साथ प्रयोग किया है। आने वाले समय में वह ‘ब्लडी डैडी’, ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’, ‘देवा’ और ‘आवारा पागल दीवाना 2’ जैसी फिल्मों में नजर आएंगे। शाहिद कपूर की जर्नी यह साबित करती है कि अगर कोई मेहनत और लगन से काम करे, तो वह अपनी पहचान बदल सकता है। चॉकलेटी हीरो से लेकर इंटेंस कैरेक्टर्स तक, शाहिद ने हर कदम पर खुद को साबित किया है। शाहिद कपूर @44: चॉकलेटी बॉय से लेकर इंटेंस कैरेक्टर्स तक का शानदार सफर बॉलीवुड के टैलेंटेड एक्टर शाहिद कपूर आज 44 साल के हो चुके हैं। करियर की शुरुआत में रोमांटिक हीरो की इमेज के साथ पहचाने जाने वाले शाहिद ने अपने दमदार परफॉर्मेंस और किरदारों के साथ खुद को एक वर्सेटाइल एक्टर साबित किया। ‘इश्क विश्क’ से मासूम दिखने वाले चॉकलेटी हीरो के तौर पर डेब्यू करने वाले शाहिद आज ‘कबीर सिंह’, ‘हैदर’, और ‘उड़ता पंजाब’ जैसी इंटेंस फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, यह सफर आसान नहीं था। शाहिद को अपने रोल्स के लिए कई बार सख्त डाइट फॉलो करनी पड़ी, तो कभी आदत न होने के बावजूद रोजाना 20 सिगरेट तक पीनी पड़ी। उनकी मेहनत, संघर्ष और कुछ खास फिल्मों के लिए किए गए बलिदानों ने उन्हें बॉलीवुड के सबसे प्रतिभाशाली एक्टर्स में शामिल कर दिया। शुरुआती संघर्ष: जब ऋतिक रोशन की वजह से हुआ रिजेक्शन शाहिद ने 2003 में ‘इश्क विश्क’ से डेब्यू किया, जो 4 साल की मेहनत और करीब 200 ऑडिशन में रिजेक्ट होने के बाद उन्हें मिली। फिल्म ने उन्हें एक चॉकलेटी बॉय की इमेज दी, लेकिन इंडस्ट्री में यह चर्चा थी कि ऋतिक रोशन के सफल डेब्यू के बाद बॉलीवुड कुछ समय के लिए किसी और नए हीरो को स्वीकार नहीं करेगा। इस सोच का असर शाहिद के करियर पर पड़ा और उनकी शुरुआती फिल्में ‘फिदा’ और ‘दिल मांगे मोर’ बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गईं। ‘विवाह’ छोड़ना चाहते थे शाहिद, लेकिन सूरज बड़जात्या के भरोसे ने बदली किस्मत लगातार असफलताओं के बाद, 2006 में शाहिद को सूरज बड़जात्या की फिल्म ‘विवाह’ का ऑफर मिला। हालांकि, खुद पर भरोसा न होने के कारण उन्होंने डायरेक्टर से कहा कि अगर वह किसी और को कास्ट करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं। लेकिन सूरज बड़जात्या के भरोसे ने शाहिद को आगे बढ़ने का हौसला दिया। फिल्म सुपरहिट रही और उनके करियर को एक नई दिशा मिली। ‘जब वी मेट’ जोड़ी बनी शाहिद के कहने पर 2007 में आई ‘जब वी मेट’ शाहिद के करियर की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक रही। दिलचस्प बात यह है कि करीना कपूर शुरू में इस फिल्म के लिए तैयार नहीं थीं, लेकिन शाहिद के कहने पर उन्होंने इसे साइन किया। चोट, संघर्ष और शाहिद की कभी न हार मानने वाली जिद शाहिद ने हमेशा अपने किरदारों में जान डालने के लिए खुद को पुश किया। ‘आर राजकुमार’ की शूटिंग के दौरान उनका लिगामेंट फट गया, लेकिन उन्होंने दर्द सहते हुए 8 दिनों तक शूटिंग जारी रखी। ‘हैदर’ के लिए उन्होंने न केवल अपना सिर मुंडवाया, बल्कि बिना फीस लिए फिल्म में काम किया, क्योंकि डायरेक्टर विशाल भारद्वाज के पास सीमित बजट था। ‘कबीर सिंह’ के लिए 20 सिगरेट रोज पीना पड़ा 2019 की सुपरहिट फिल्म ‘कबीर सिंह’ शाहिद के करियर का टर्निंग पॉइंट बनी। इस रोल के लिए उन्होंने अपनी बॉडी ट्रांसफॉर्म की, 8 किलो वजन बढ़ाया और फिर 12 किलो घटाया। इसके अलावा, वह रोजाना 20 सिगरेट पीते थे, जबकि असल जिंदगी में वह सिगरेट नहीं पीते। शूटिंग के बाद घर लौटने से पहले वह दो घंटे तक नहाते थे, ताकि बच्चों और परिवार पर इस किरदार की नेगेटिव एनर्जी न पड़े। ‘जर्सी’ के सेट पर लगे 25 टांके 2022 में आई ‘जर्सी’ के दौरान शाहिद ने क्रिकेट ट्रेनिंग ली। एक सीन की शूटिंग के दौरान बिना हेलमेट के बैटिंग करते समय उन्हें गंभीर चोट लगी, जिससे उनके होठों पर 25 टांके आए और शूटिंग दो महीने के लिए टालनी पड़ी। आगे क्या? शाहिद के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स शाहिद ने हमेशा अपने किरदारों के साथ प्रयोग किया है। आने वाले समय में वह ‘ब्लडी डैडी’, ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’, ‘देवा’ और ‘आवारा पागल दीवाना 2’ जैसी फिल्मों में नजर आएंगे। शाहिद कपूर की जर्नी यह साबित करती है कि अगर कोई मेहनत और लगन से काम करे, तो वह अपनी पहचान बदल सकता है। चॉकलेटी हीरो से लेकर इंटेंस कैरेक्टर्स तक, शाहिद ने हर कदम पर खुद को साबित किया है। फोटो व्हाट्सएप्प AI से लिया गया है

शाहिद कपूर @44: चॉकलेटी बॉय से लेकर इंटेंस कैरेक्टर्स तक का शानदार सफर

बॉलीवुड के टैलेंटेड एक्टर शाहिद कपूर आज 44 साल के हो चुके हैं। करियर की शुरुआत में रोमांटिक हीरो की इमेज के साथ पहचाने जाने वाले शाहिद ने अपने दमदार परफॉर्मेंस और किरदारों के साथ खुद को एक वर्सेटाइल एक्टर साबित किया। ‘इश्क विश्क’ से मासूम दिखने वाले चॉकलेटी हीरो के तौर पर डेब्यू करने वाले शाहिद आज ‘कबीर सिंह’, ‘हैदर’, और ‘उड़ता पंजाब’ जैसी इंटेंस फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।

हालांकि, यह सफर आसान नहीं था। शाहिद को अपने रोल्स के लिए कई बार सख्त डाइट फॉलो करनी पड़ी, तो कभी आदत न होने के बावजूद रोजाना 20 सिगरेट तक पीनी पड़ी। उनकी मेहनत, संघर्ष और कुछ खास फिल्मों के लिए किए गए बलिदानों ने उन्हें बॉलीवुड के सबसे प्रतिभाशाली एक्टर्स में शामिल कर दिया।

शुरुआती संघर्ष: जब ऋतिक रोशन की वजह से हुआ रिजेक्शन

शाहिद ने 2003 में ‘इश्क विश्क’ से डेब्यू किया, जो 4 साल की मेहनत और करीब 200 ऑडिशन में रिजेक्ट होने के बाद उन्हें मिली। फिल्म ने उन्हें एक चॉकलेटी बॉय की इमेज दी, लेकिन इंडस्ट्री में यह चर्चा थी कि ऋतिक रोशन के सफल डेब्यू के बाद बॉलीवुड कुछ समय के लिए किसी और नए हीरो को स्वीकार नहीं करेगा। इस सोच का असर शाहिद के करियर पर पड़ा और उनकी शुरुआती फिल्में ‘फिदा’ और ‘दिल मांगे मोर’ बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गईं।

‘विवाह’ छोड़ना चाहते थे शाहिद, लेकिन सूरज बड़जात्या के भरोसे ने बदली किस्मत

लगातार असफलताओं के बाद, 2006 में शाहिद को सूरज बड़जात्या की फिल्म ‘विवाह’ का ऑफर मिला। हालांकि, खुद पर भरोसा न होने के कारण उन्होंने डायरेक्टर से कहा कि अगर वह किसी और को कास्ट करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं। लेकिन सूरज बड़जात्या के भरोसे ने शाहिद को आगे बढ़ने का हौसला दिया। फिल्म सुपरहिट रही और उनके करियर को एक नई दिशा मिली।

‘जब वी मेट’ जोड़ी बनी शाहिद के कहने पर

2007 में आई ‘जब वी मेट’ शाहिद के करियर की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक रही। दिलचस्प बात यह है कि करीना कपूर शुरू में इस फिल्म के लिए तैयार नहीं थीं, लेकिन शाहिद के कहने पर उन्होंने इसे साइन किया।

चोट, संघर्ष और शाहिद की कभी न हार मानने वाली जिद

शाहिद ने हमेशा अपने किरदारों में जान डालने के लिए खुद को पुश किया। ‘आर राजकुमार’ की शूटिंग के दौरान उनका लिगामेंट फट गया, लेकिन उन्होंने दर्द सहते हुए 8 दिनों तक शूटिंग जारी रखी। ‘हैदर’ के लिए उन्होंने न केवल अपना सिर मुंडवाया, बल्कि बिना फीस लिए फिल्म में काम किया, क्योंकि डायरेक्टर विशाल भारद्वाज के पास सीमित बजट था।

‘कबीर सिंह’ के लिए 20 सिगरेट रोज पीना पड़ा

2019 की सुपरहिट फिल्म ‘कबीर सिंह’ शाहिद के करियर का टर्निंग पॉइंट बनी। इस रोल के लिए उन्होंने अपनी बॉडी ट्रांसफॉर्म की, 8 किलो वजन बढ़ाया और फिर 12 किलो घटाया। इसके अलावा, वह रोजाना 20 सिगरेट पीते थे, जबकि असल जिंदगी में वह सिगरेट नहीं पीते। शूटिंग के बाद घर लौटने से पहले वह दो घंटे तक नहाते थे, ताकि बच्चों और परिवार पर इस किरदार की नेगेटिव एनर्जी न पड़े।

‘जर्सी’ के सेट पर लगे 25 टांके

2022 में आई ‘जर्सी’ के दौरान शाहिद ने क्रिकेट ट्रेनिंग ली। एक सीन की शूटिंग के दौरान बिना हेलमेट के बैटिंग करते समय उन्हें गंभीर चोट लगी, जिससे उनके होठों पर 25 टांके आए और शूटिंग दो महीने के लिए टालनी पड़ी।

आगे क्या? शाहिद के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स

शाहिद ने हमेशा अपने किरदारों के साथ प्रयोग किया है। आने वाले समय में वह ‘ब्लडी डैडी’, ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’, ‘देवा’ और ‘आवारा पागल दीवाना 2’ जैसी फिल्मों में नजर आएंगे।

शाहिद कपूर की जर्नी यह साबित करती है कि अगर कोई मेहनत और लगन से काम करे, तो वह अपनी पहचान बदल सकता है। चॉकलेटी हीरो से लेकर इंटेंस कैरेक्टर्स तक, शाहिद ने हर कदम पर खुद को साबित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *