यात्रा के दौरान शिष्टाचार क्यों ज़रूरी है?
सार्वजनिक परिवहन – चाहे फ्लाइट हो, ट्रेन हो या बस – में सफर करते समय यात्रियों को कई तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। कई बार यह असुविधा एयरलाइन या रेलवे के कारण नहीं, बल्कि खुद यात्रियों की गलत आदतों से होती है।
🔹 छोटी-छोटी गलतियां, बड़ी परेशानी
एयरपोर्ट पर गेट नंबर बदलने की अनाउंसमेंट आम बात है, लेकिन कभी-कभी इसका असर यात्रियों पर भारी पड़ता है। खासकर तब जब एक गेट ऊपरी फ्लोर पर हो और दूसरा ग्राउंड फ्लोर पर। ऐसी स्थिति में लिफ्ट तक पहुंचने के लिए लंबी कतारें लग जाती हैं और अफरा-तफरी मच जाती है।
मुंबई एयरपोर्ट पर ऐसी ही एक घटना घटी, जब भीड़भाड़ में एक यात्री ने धक्का देकर लिफ्ट में जगह बना ली। उसके बड़े बैकपैक से एक छोटे बच्चे को चोट लग गई, लेकिन उसने केवल ‘सॉरी’ कहकर खुद को जिम्मेदारी से मुक्त कर लिया।
🔹 ओवरहेड बिन और लगेज मैनेजमेंट
फ्लाइट में चढ़ते समय कई यात्री अपने हैंडबैग को इस तरह ओवरहेड बिन में रख देते हैं, मानो पूरी जगह उनकी ही हो। इससे अन्य यात्रियों के लिए जगह नहीं बचती और बोर्डिंग में देरी होती है, जिससे पूरी फ्लाइट लेट हो सकती है।
ट्रेन में भी यही हाल होता है – लोअर बर्थ के यात्री मान लेते हैं कि उनके बर्थ के नीचे की पूरी जगह उन्हीं की है, जबकि वह स्पेस मिडिल और अपर बर्थ वालों के साथ साझा होती है। जब कोई यात्री अपना सामान रखने के लिए पहले से रखे बैग को खिसकाता है, तो कई लोग घबरा जाते हैं कि कहीं उनका सामान चोरी न हो जाए। इससे यात्रा का तनाव बढ़ जाता है।
🔹 कैसे बनें एक जिम्मेदार यात्री?
✔️ सार्वजनिक स्थानों पर धैर्य रखें – लिफ्ट या एंट्री गेट पर धक्का-मुक्की न करें।
✔️ बैग सही तरीके से रखें – ओवरहेड बिन में सामान बुकशेल्फ में किताबें जमाने की तरह व्यवस्थित रखें ताकि ज्यादा बैग आ सकें।
✔️ बिन या सीट पर दूसरों के सामान को बिना अनुमति न खिसकाएं।
✔️ जरूरी सामान पहले ही निकाल लें – बार-बार ओवरहेड बिन या सीट के नीचे सामान निकालने से असुविधा होती है।
✔️ साझा स्पेस का सम्मान करें – चाहे फ्लाइट हो या ट्रेन, जगह सभी के लिए होती है।
🚆✈️ सफर को सभी के लिए आरामदायक बनाएं
यात्रा केवल एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने का जरिया नहीं, बल्कि एक अनुभव भी है। इसे सहज और सुखद बनाने के लिए हमें अपने व्यवहार और आदतों पर ध्यान देना होगा। अगर हम खुद यात्रा शिष्टाचार का पालन करेंगे, तो धीरे-धीरे यह आदत सभी में आ जाएगी। 😊