नई दिल्लीः भारतीय सिनेमा के अभिनेता गोविंद नामदेव बॉलीवुड के दिग्गन एक्टर्से में से एक हैं जिन्होंने सैकड़ों फिल्मों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. उन्होंने फिल्मों में ज्यादातर विलेन की भूमिकाएं ही निभाई हैं. नामदेव ने डेविड धवन की फिल्म शोला और शबनम में एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी के रूप में अपनी शुरुआत की थी. वे अक्सर खलनायक के तौर पर ही पर्दे पर दिखते हैं. हाल ही में प्रेम ग्रंथ में माधुरी दीक्षित के साथ रेप के चुनौतीपूर्ण दृश्य को फिल्माने के अपने अनुभव के बारे में बताया.
अभिनेता ने हिंदी रश से बात करते हुए रेप सीन इमोशनल और प्रोफेशनल डायनमिक सीन पर विचार किया. साथ ही उन्होंने माधुरी के रिमार्केबल प्रोफेशनलिज्म को सपोर्ट किया, जिसने उन पर एक अमिट छाप छोड़ी है. गोविंद ने साझा किया कि वो शुरू में इस तरह के संवेदनशील सीन को फिल्माने को लेकर डरे हुए थे, उन्हें डर था कि कोई अनजाने में गलत कदम उठाने से चीजें असहज हो सकती हैं. वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या वो या माधुरी शूटिंग से पहले घबराए हुए थे, तो उन्होंने स्वीकार किया, ‘मैं इस वजह से माधुरी का प्रशंसक बन गया हूं. जब उनके जैसा अनुभवी अभिनेता एक न्यूकमर कलाकार का समर्थन करता है जो नर्वस और आत्म-जागरूक है, तो यह उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की अनुमति देता है. इस तरह का सहयोग दुर्लभ है. आमतौर पर अभिनेत्रियां अपनी अलग पहचान बनाए रखती हैं, लेकिन वो शुरू से ही अविश्वसनीय रूप से सहायक रही हैं.’
गोविंद नामदेव याद किया कि माधुरी के आश्वस्त करने वाले रवैये ने उन्हें सहज महसूस करने में मदद की. चूंकि यह सीन शूटिंग के अंत में तय किया गया था, इसलिए वो हर बार उनके पास जाते, सम्मानपूर्वक अपने हाथ जोड़ते और कहते, ‘मैं यह करने जा रहा हूं’ माधुरी बस सिर हिलाती और जवाब देती, ‘हां, ठीक है,’ जिससे वो पूरी तरह से सहज महसूस करते लगे थे.’ दृश्य के महत्व को स्वीकार करते हुए, गोविंद ने स्वीकार किया, “मुझे डर था कि कुछ अनहोनी हो सकती है, खासकर यह देखते हुए कि वह उस समय नंबर वन हीरोइन थी। मैं नहीं चाहता था कि हमारे बीच कोई गलतफहमी या असहजता हो।”