बुधवार, 26 फरवरी को शिव-पार्वती पूजा का महापर्व महाशिवरात्रि: सुख-शांति और समृद्धि के लिए करें विशेष पूजा
बुधवार, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने की परंपरा है। महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा और मंत्र जप करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि यदि पति-पत्नी एक साथ शिव-पार्वती की पूजा करें, तो उनके वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और प्रेम बना रहता है।
महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती पूजा का महत्व
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती की सामूहिक पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और आपसी तालमेल बना रहता है। इस दिन “ऊँ उमा महेश्वराय नमः” मंत्र का जप करना अत्यंत शुभ होता है।
पति-पत्नी का साथ में पूजा-पाठ करने से उनके बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है। शास्त्रों में कहा गया है कि पति-पत्नी को धार्मिक कार्य, तीर्थयात्रा और पूजा-पाठ एक साथ करना चाहिए। इससे आपसी वाद-विवाद की संभावना कम होती है और संबंधों में मधुरता बढ़ती है।
महाशिवरात्रि पर करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा के दौरान अपनी मनोकामनाओं के लिए मंत्र जप अवश्य करें। महामृत्युंजय मंत्र के जाप से अनजाने भय और चिंताओं से मुक्ति मिलती है। यह मंत्र शिव जी की विशेष कृपा दिलाने में सहायक होता है।
महामृत्युंजय मंत्र:
“ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।”
शिव पूजा की आसान विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शिव मंदिर जाएं।
- शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करें।
- जल चढ़ाते समय “ऊँ नमः शिवाय”, “ऊँ महेश्वराय नमः”, “ऊँ रुद्राय नमः” जैसे मंत्रों का जप करें।
- चंदन, फूल, धतूरा, चावल और प्रसाद चढ़ाएं।
- धूप, दीप और कपूर जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
- अंत में भक्तों को प्रसाद वितरित करें।
यदि मंदिर जाना संभव न हो, तो घर पर ही शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि पर दान का महत्व
महाशिवरात्रि के दिन दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। विवाहित महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा के बाद सुहाग का सामान, जैसे लाल साड़ी, सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी और अन्य वस्त्र दान करें।
सूर्य, बुध और शनि का दुर्लभ योग
इस महाशिवरात्रि पर सूर्य, बुध और शनि कुंभ राशि में एक साथ स्थित रहेंगे। यह दुर्लभ योग 2025 से पहले 1965 में बना था। ज्योतिष