महाकुंभ 2025 का भव्य समापन: श्रद्धा, स्वच्छता और सुरक्षा का अद्भुत संगम
प्रयागराज में 45 दिनों तक चले महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को संपन्न हुआ, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था का प्रवाह आज भी बना हुआ है। संगम में स्नान के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है और मेले में रौनक बरकरार है।
महाकुंभ की सफाई और सेवा अभियान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य ने संगम पहुंचकर स्वच्छता अभियान में भाग लिया। उन्होंने अरैल घाट पर सफाई कर्मियों के साथ मिलकर कूड़ा-कचरा हटाया और गंगा पूजन किया। मुख्यमंत्री ने गंगा पंडाल में सफाई और स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित कर उनकी अथक मेहनत की सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
महाकुंभ के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एकता का महाकुंभ-युग परिवर्तन की आहट’ शीर्षक से एक ब्लॉग लिखा। उन्होंने इस भव्य आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इतने विशाल आयोजन को सफल बनाना आसान नहीं था। उन्होंने मां गंगा, यमुना और सरस्वती से प्रार्थना करते हुए श्रद्धालुओं की सेवा में किसी भी प्रकार की कमी के लिए क्षमायाचना की। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रशासन की भूमिका की सराहना की।
स्वच्छता और सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा और स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। सीएम योगी ने घोषणा की कि प्रयागराज में कार्यरत सभी स्वच्छता कर्मियों को 10,000 रुपये का बोनस मिलेगा और उनकी मासिक वेतन में भी वृद्धि की जाएगी। साथ ही, उन्हें आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ भी दिया जाएगा।
ऐतिहासिक आंकड़े और रिकॉर्ड
महाकुंभ 2025 ने कई ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किए। समापन दिवस पर महाशिवरात्रि के अवसर पर 1.53 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई, जबकि पूरे आयोजन के दौरान कुल 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। यह आंकड़ा कई देशों की जनसंख्या से अधिक है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार को महाकुंभ के दौरान सबसे बड़े सफाई अभियान के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया।
रेलवे की ऐतिहासिक भूमिका
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 16,000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई गईं। इससे करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा का अवसर मिला। रेलवे ने भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर विशेष योजनाएं लागू कीं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
महाकुंभ की दिव्यता और श्रद्धालुओं का उत्साह
इस महाकुंभ में न केवल भारत बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालुओं ने भाग लिया। प्रयागराज के निवासियों ने इस आयोजन को अपने व्यक्तिगत उत्सव की तरह अपनाया और अतिथियों का स्वागत किया। अंतिम दिन भारतीय वायुसेना के सुखोई विमानों ने आकाश में शानदार उड़ान भरकर इस आयोजन को सलामी दी।
महाकुंभ 2025 की अपार सफलता
महाकुंभ 2025 का समापन एक ऐतिहासिक और अविस्मरणीय आयोजन के रूप में दर्ज हो गया। इस महायज्ञ में श्रद्धा, सेवा, स्वच्छता और सुरक्षा का बेजोड़ संगम देखने को मिला। प्रशासन, सरकार, पुलिस, स्वच्छता कर्मी और स्वयंसेवकों के समर्पण ने इस महापर्व को सफल बनाया। आने वाले वर्षों में भी यह आयोजन दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखेगा।