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बुद्धिमान खरगोश और चालाक भेड़िया 🐰🦊

एक घने जंगल में एक चालाक भेड़िया रहता था, जो जंगल के छोटे जानवरों को पकड़कर खा जाता था। सारे जानवर उससे बहुत डरते थे।

भेड़िए की चालाकी

एक दिन भेड़िए ने सोचा, “अगर मैं खुद को राजा घोषित कर दूँ, तो कोई भी मेरी बात नहीं टाल पाएगा!” इसलिए उसने जंगल के सभी जानवरों को इकट्ठा किया और कहा, “आज से मैं जंगल का राजा हूँ! हर रोज़ एक जानवर खुद मेरे पास आकर मेरी भूख मिटाएगा।”

बिचारे छोटे जानवर बहुत डर गए। वे जानते थे कि भेड़िए से लड़ना मुश्किल है।

बुद्धिमान खरगोश की योजना

एक दिन जंगल की बारी आई एक छोटे से खरगोश की। लेकिन खरगोश बहुत चतुर और समझदार था। उसने सोचा, “अगर मैं सीधे भेड़िए के पास गया, तो मैं भी मारा जाऊँगा। मुझे कुछ करना होगा!”

खरगोश की चाल

खरगोश धीरे-धीरे चलते हुए जानबूझकर देर से पहुँचा। भेड़िया गुस्से में चिल्लाया, “इतनी देर क्यों हुई?”

खरगोश बोला, “महाराज! मैं समय पर आ रहा था, लेकिन रास्ते में एक दूसरा भेड़िया मिल गया। उसने कहा कि वह जंगल का असली राजा है और मुझे खाने की कोशिश की!”

भेड़िया चौंक गया, “क्या? दूसरा भेड़िया? जंगल का राजा सिर्फ मैं हूँ!”

खरगोश ने कहा, “अगर आपको विश्वास नहीं होता, तो चलिए मेरे साथ, मैं आपको दिखाता हूँ!”

भेड़िए का अंत

खरगोश भेड़िए को एक गहरे कुएँ के पास ले गया और कहा, “देखिए! वह दूसरा भेड़िया अंदर है!”

भेड़िए ने कुएँ में झाँका और अपनी ही परछाई को देखा। उसे लगा कि वाकई कोई दूसरा भेड़िया अंदर है। गुस्से में उसने कुएँ में छलाँग लगा दी और डूबकर मर गया।

खरगोश की जीत!

जंगल के सभी जानवरों ने खरगोश की बुद्धिमानी की तारीफ की और खुशी मनाई! अब वे आज़ादी से जंगल में घूम सकते थे।

शिक्षा:

बुद्धिमानी और समझदारी से बड़ी से बड़ी मुश्किल हल हो सकती है।
शक्तिशाली होने से ज्यादा ज़रूरी है—चतुर और होशियार होना।

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