जरूरी जानकारी: क्या आपका पीने का पानी साफ और शुद्ध है? डॉक्टर से समझें TDS का महत्व, इसे क्यों मापा जाता है, कैसे जांचें और सही स्तर कितना होना चाहिए

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महत्वपूर्ण जानकारी: आपके पीने का पानी शुद्ध है या नहीं? डॉक्टर से जानें TDS के बारे में, क्यों है यह जरूरी, कैसे जांचें और सही स्तर कितना होना चाहिए

शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक, शुद्ध और स्वच्छ पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिक विकास, जल स्रोतों की सीमित उपलब्धता और कुओं, तालाबों व झीलों की सही देखभाल न होना इसका मुख्य कारण है। ऐसे में स्वच्छ पानी प्राप्त करना दिन-ब-दिन कठिन होता जा रहा है।

आजकल बड़े शहरों में ज्यादातर घरों में रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) सिस्टम देखने को मिलता है। हालांकि, RO का उपयोग करते समय पानी की गुणवत्ता के लिए टोटल डिजॉल्व्ड सॉलिड्स (TDS) का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अगर TDS का संतुलन सही नहीं है, तो यह पानी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

तो आइए, इस लेख में जानते हैं-

  • TDS का क्या मतलब है और यह क्यों जरूरी है?
  • पानी का सही TDS लेवल कितना होना चाहिए?
  • घर पर TDS लेवल कैसे मापा जा सकता है?

TDS का क्या अर्थ है?

TDS यानी पानी में घुले हुए वो कण जो आंखों से नहीं देखे जा सकते और साधारण फिल्टर से अलग नहीं किए जा सकते। जब पानी पत्थरों, पाइपों या अन्य सतहों के संपर्क में आता है, तो इसमें ये तत्व घुल जाते हैं।

पानी में TDS का महत्व क्यों है?

पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए TDS का परीक्षण किया जाता है। यह पानी के स्वास्थ्य, स्वाद और उसकी क्वालिटी को प्रभावित करता है। अगर TDS की मात्रा ज्यादा या कम हो, तो यह स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकती है।


TDS कम या ज्यादा होने का असर

  1. कम TDS:
    • पानी में जरूरी खनिज जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम की कमी हो सकती है।
    • यह पानी स्वाद में बेस्वाद लग सकता है।
    • लंबे समय तक ऐसे पानी के सेवन से शरीर में खनिजों की कमी हो सकती है।
  2. ज्यादा TDS:
    • पानी में हानिकारक तत्वों की अधिकता के कारण इसे पीना असुरक्षित हो सकता है।
    • यह किडनी पर दबाव डाल सकता है और किडनी स्टोन जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
    • अधिक सोडियम के कारण ब्लड प्रेशर और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

पानी का सही TDS लेवल कितना होना चाहिए?

  • WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, पानी में TDS का स्तर 300 mg/L से कम होना चाहिए।
  • BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) के मुताबिक, यह 500 mg/L से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • 50-150 mg/L को आदर्श और स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।

घर पर TDS कैसे मापा जा सकता है?

पानी में TDS मापने के लिए TDS मीटर का उपयोग किया जा सकता है। यह डिवाइस थर्मामीटर जैसी दिखती है और आसानी से बाजार में उपलब्ध है।
स्टेप्स:

  1. एक साफ गिलास में पानी भरें।
  2. TDS मीटर को 1-2 इंच पानी में डुबोएं।
  3. कुछ सेकंड इंतजार करें और स्क्रीन पर दिखने वाली रीडिंग नोट करें।
    TDS मीटर की कीमत 250 से 500 रुपये के बीच होती है।

क्या RO लगवाना जरूरी है?

यदि आपके पानी का TDS स्तर 50-200 mg/L के बीच है, तो RO की आवश्यकता नहीं है। लेकिन अगर TDS स्तर 300 mg/L से ज्यादा है, तो RO लगवाना बेहतर रहेगा। RO सिस्टम पानी में मौजूद बैक्टीरिया, केमिकल्स और हानिकारक तत्वों को दूर करता है।


RO सिस्टम की देखभाल कैसे करें?

  • हर 6 महीने में RO की जांच और पार्ट्स की सफाई कराएं।
  • RO की क्षमता और मेम्ब्रेन की स्थिति नियमित रूप से चेक करें।
  • खराब मेम्ब्रेन या फिल्टर को समय पर बदलें।

सेहत के लिए जरूरी सुझाव

पानी हमारी सेहत के लिए बेहद अहम है। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आप जो पानी पी रहे हैं, वह शुद्ध और संतुलित हो। नियमित रूप से पानी का TDS स्तर जांचें और जरूरत के हिसाब से RO या अन्य उपाय अपनाएं।

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